बुधवार, 10 मई 2017

फिल्म बाहुबली 2

 बाहुबली 2 
भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्म
 बाहुबली 2 फिल्म ने भारत के सिनेमा को और बाहुबली बना दिया है इस फिल्म के बारे में जितना लिखू उतना ही कम है मुझे ये फिल्म बहुत अच्छी लगी इसलिए में इस फिल्म को २ बार देखने गया फिल्म में vfx कमाल के है और डायरेक्शन, कलाकारों की की एक्टिंग, साउंड, एडिटिंग, एक्शन ये सब बहुत कमाल के है, इस फिल्म ने सीट से हिलने नहीं दिया में तो इंटरवल में भी सीट पर बेटा रहा ये सोचकर कही कोई सीन निकल न जाये
बाहुबली २ का भारतीय सिनेमा पर प्रभाव 
बाहुबली २ फिल्म के कलेक्शन को देखकर, इंडिया के प्रोडूसर ही नहीं बल्कि बाहर मुल्क के प्रोडूसर भी इंडिया में रहकर अच्छी फिल्म बनाने की सोच सकते है, अगर फिल्म अच्छी बनती है तो उसको लोग जरूर देखते है

इस फिल्म में बाहुबली को जितना शक्तिशाली बताया है उतना ही उसको त्याग, अपने से बड़ों का आदर करना, अपने वचन पर बने रहना, गरीब बेसहारा लोगो की मदद करना, एक अच्छे राजा की पहचान इस फिल्म में अच्छे से दिखाई  है, इस फिल्म से उन लोगों को भी सीखना चाहिए  जिन लोगो के पास power  है जनता के राजा बने बेटे है  उनको भी बाहुबली की तरह अपनी power का इस्तिमाल करना चाहिए

इस फिल्म को देखकर मुझे महाभारत, रामायण  की कहानी याद आने लगती है, इतना ही नहीं महाराणा प्रताप, पृथ्वी राज चौहान, महाराजा रंजीत सिंह, छत्रपति शिवाजी  महाराज और बहुत से हिन्दुस्थान में राजा पैदा हुए जिन्होंने सिर्फ सच्चाई और ईमानदारी से अपने राज शासन को चलाया इस फिल्म में भी बुराई पर अच्छाई की जीत दिखाई है  

शनिवार, 22 अप्रैल 2017

फिल्म के प्रकार, कौन कौन सी फिल्म बना सकते है

प्रोडक्शन कंपनी ऑडियंस को टारगेट बनाकर फिल्म का निर्माण करती है वैसे तो इंसान अलग अलग प्रकार के मूड वाले होते है सभी फिल्म देखते है जिसका जैसा इंटरेस्ट होता है वो उस फिल्म को देखता ही है
अभी फिल्म के कुछ मूड की बात करते है जो प्रोडक्शन कंपनी बनाती है जैसे-

एक्शन फिल्म 
सबसे पहली बात तो ये की फिल्म की स्टोरी काल्पनिक या रियल घटनाक्रम की हो सकती है
जब हम फिल्म काल्पनिक फिल्म बनाते तो उस फिल्म में हम कोई भी एक्शन सोच सकते है एक्शन स्टोरी के मुताबिक ही शूट किया जाता है जैसे एक हीरो एक कार से रोड पर भागता है आप उस हीरो के पीछे एक कार में 4 गुंडे भी भेज सकते हो या फिर उसके पीछे 100 कार भी पीछा करने लगा सकते हो
एक्शन फिल्म एक फ़ास्ट दिखने वाली फिल्म होती है क्योकि फिल्म में बहुत घटनाये दिखाई जाती है
एक्शन फिल्म कही प्रकार की बन सकती है जैसे आर्मी फाइट , जासूसी फिल्म, ड्रग्स एंड माफिआ फिल्म, सुपर हीरो फिल्म, ऐसी फिल्म में मारकाट बहुत होती है

एडवेंचर  फिल्म
वैसे तो ऐसी फिल्म भी एक्शन से भरपूर होती है लेकिन इनमे रोमांचकारी दृशय बहुत देखने को मिलते है ऐसी फिल्मे बहुत महगी बनती जैसे  एक इंसान ने अपना साहस दिखाकर एक राजा की सारी सेना को हराकर राजा बन गया या किसी गांव में बाढ़ आ गयी या गांव में आग लग गयी अब लोगो को बचाना है  बड़े बड़े महाकाव्य, ग्रन्थ की स्टोरी भी हो सकती है

कॉमेडी फिल्म
कॉमेडी फिल्म हसी मजाक से भरी होती है
एक्शन कॉमेडी, डबल मीनिंग कॉमेडी, थ्रिलर कॉमेडी, रोमांटिक कॉमेडी
जिस फिल्म से लोग हसे चाहे वो कोई भी सब्जेक्ट क्यों न हो बस फिल्म देखकर लोग हसने चाहिए

ड्रामा  फिल्म
ऐसी फिल्मों में ड्रामा बहुत होता है रोना, रुलाना, किसी के इमोशन से खेलना, माँ बाप का बिछड़ना, दूर रहकर घर की याद आना, बीबी मर जाना, प्यार में धोखा देना, झूट बोलना ये सब ड्रामा फिल्म में आते है
ऐसी फिल्म बहुत कम खर्चे में बन जाती है और कमाई कभी कभी बहुत कर जाती है क्योकि की इसमें झूट  या
सच का ड्रामा इस तरह से फिल्माया जाता है की जो इंसान फिल्म देखने आया है उसको ऐसा लगता है की ये मेरी स्टोरी चल रही है क्योंकि ऐसे ड्रामे इंसान की लाइफ में बहुत होते है और वो महसूस करने लगता है

हॉरर फिल्म
ऐसी फिल्मों में ज्यादा से ज्यादा डर या भय दिखाया जाता है , आप किसी का भी डर दिखा सकते हो चाहे वो भुत आत्मा, जानवर, पागल इंसान कोई भी सब्जेक्ट जिससे लो भयभीत हो जाए ऐसी फिल्म हॉरर होती है

मर्डर मिस्ट्री
ऐसी फिल्म काल्पनिक और रियल घटनाक्रम पर होती है आप किसी इंसान को मार देते हो और लास्ट तक आप सबके सामने रहते हो फिर भी आप बोलते हो की इसको किसने मारा, इस तरह की फिल्म में आपको बहुत तरह के मर्डर या धोखे से मारना या कभी कभी न चाहते हुए भी किसी की मौत हो जाना ऐसा कुछ देखने को मिलता है फिल्म में सस्पेन्स बना रहता है की इसको किसने मारा

शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017

िवजुअल एफ्फेट्स

िवजुअल एफ्फेट्स क्या है?
जब हम किसी वीडियो में या फोटोग्राफी में  कोई डिजिटल  एक्स्ट्रा चीज लगाते  है जैसे हमने शूटिंग में एक रोड पर एक कार को चलते हुए शूट किया फिर उसको हमने िवजुअल एफ्फेट्स के द्वारा उस रोड के चारो तरफ कुछ पेड़ लगा दिए या बहुत सारी कारें डाल दी जबकि ओरिजिनल शूटिंग के टाइम नहीं थी तो  इसको िवजुअल एफ्फेट्स बोलते है
फिल्म, ऐड फिल्म, सीरियल्स, डॉक्यूमेंट्री, कॉरपरेट मूवी, न्यूज़ इन सब में बहुत विजुअल इफ़ेक्ट प्रयोग होता है

विजुअल इफ़ेक्ट के Software 
विजुअल इफ़ेक्ट के बहुत सारे Software बाजार में है जैसे -
Nuke, Adobe After Effect, Adobe Photoshop, 3ds Max, Maya, Motion Builder, Real Flow, Houdini, Eyeon Fusion और भी बहुत सारे Software होते है जिनके प्रयोग से हम वीडियो clip में एक्स्ट्रा चीजे डालते है
विजुअल इफ़ेक्ट फिल्मों में  बहुत बड़ा हिस्सा बन चुका है आजकल सभी फिल्मों में विजुअल इफ़ेक्ट डाले जा रहे है जब हम एक लोकेशन पर शूटिंग कर रहे होते है वहां सब चीजे एक साथ नहीं होती शूटिंग तो वही कर लेते है फिर विजुअल इफ़ेक्ट के द्वारा उन सब चीजों को  डालते है जो शूटिंग के बक्त नहीं थी


 विजुअल इफ़ेक्ट के क्षेत्र में Career
विजुअल इफ़ेक्ट के क्षेत्र में आप किसी फिल्म पोस्ट स्टूडियो में, टेलीविजन में, किसी कॉरपोरेट हाउस में, न्यूज़ चैनल में, या अपना खुद का काम भी शुरू कर सकते हो
इस वीडियो क्लिप को देखिये जो ऊपरवाली है उसको शूटिंग के वक्त शूट किया है और विजुअल इफ़ेक्ट के द्वारा इसके बैकग्राउंड को चेंज कर दिया है नीचे वाली पिक्चर में

शुक्रवार, 31 मार्च 2017

हिंदी फिल्म को कैसे इंडिया के हर शहर और गांव तक पहुचाये?

HINDI FILM DISTRIBUTION IN INDIA

हम फिल्म तो बना लेते है लेकिन अब इसको इंडिया के कोने कोने तक कैसे पहुचाये ये नए प्रोड्यूसर के लिए बहुत प्रॉब्लम होता है, फिल्म बन गयी अब रिलीज़ कैसे करे
फिल्म इंडस्ट्री में डिस्ट्रीब्यूटर होते, जो फिल्म प्रोड्यूसर की मदद करते है फिल्म रिलीज़ करने के लिए, डिस्ट्रीब्यूटर अपने काम का या तो फिक्स Amount तय करता है या फिल्म की Earning का कमिशन और अगर  उसको लगता है कि इस फिल्म से काफी Earning हो सकती है तो वो फिल्म को खरीद कर खुद फिल्म रिलीज़ करने का प्रस्ताव रखता है
फिल्म रिलीज़ का पब्लिसिटी  बजट 
जब हम फिल्म रिलीज़ करते है तब हम एक बजट बनाते है इसको कैसे पब्लिक तक पहुचाया जाये, इसके लिए हम एक बजट बनाते है, इस बजट को डिस्ट्रीब्यूटर तैयार करता है, फिल्म रिलीज़ के कुछ दिन पहले से ही हम टीवी, न्यूज़पेपर, पोस्टर इत्यादि तरीके से फिल्म का प्रचार करते है, फिल्म का नाम और ये फिल्म किस तारीक को रिलीज़ हो रही है
इसका प्रचार करते है
डिस्ट्रीब्यूशन क्षेत्र
अगर हम फिल्म को सारे इंडिया में, एक ही डेट को सिनेमाघर में लगाते है तब फिल्म को अलग अलग टेरिटरी में विभाजित कर दिया जाता है और जिस क्षेत्र का लोकल डिस्ट्रीब्यूटर होता है उसके साथ प्रोपरली रिलीज़ एग्रीमेंट करके फिल्म रिलीज़ करते है
इंडिया में फिल्म टेरिटरी कुछ इस तरह से है-
1. BOMBAY CIRCUIT: Mumbai, Gujarat, Goa, Maharashtra & Karnataka
2. DELHI/UP CIRCUIT: Delhi, UP, Uttaranchal
3. NIZAM CIRCUIT: Telangana, Part Of Maharashtra & Karnataka
4. EAST PUNJAB CIRCUIT: Punjab, Haryana, Chandigarh, Himachal Pradesh, And
   Jammu &     Kashmir
5. EASTEN CIRCUIT: West Bengal, Bihar, Jharkhand, Orissa, Assam & North-Easten States
    Andaman & Nicobar Islands
6. CENTRAL INDIA CIRCUIT: Part Of Madhya Pradesh
7. C. P. BERAR CIRCUIT: Maharashtra (Eastern), Madhya Pradesh South & West, Chhattisgarh
8. RAJASTHAN CIRCUIT: Rajasthan
9. MASORE CIRCUIT: Bengaluru And Part Of Karnataka
10. TAMIL NADU CIRCUIT: Tamil Nadu & Kerala
11. ANDHRA CIRCUIT: Andhra Pradesh

सिनेमाघर के प्रिंट या डिजिटल प्रिंट और सिनेमाघर के मालिक की कंडीशन
फिल्म को आप जितने सिनेमाघर में लगाना चाहते हो उतने लैब से सिनेमा प्रिंट बनवाने होते है , आजकल मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर का जमाना है इन मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों की चैन सिस्ट्म है, अलग अलग मल्टीप्लेक्स के अपने अपने  Fomate Digital Print  होते है कही जगह DCP तो कही J2K , कही MP4 सिनेमाघर में लगती है वो सब फिल्म के मालिक को बनवाने होते है उनका खर्च फिल्म प्रोड्यूसर करता है, उसके बाद Mian Distributer जहाँ फिल्म लगानी है वहां के Local Distributer से बात करके सिनेमाघर बुक करता है, और  लोकल डिस्ट्रीब्यूटर सिनेमाघर के मालिक से weekly या commission , क्या चार्ज लेना है इस बात का एग्रीमेंट करके फिल्म को सिनेमाघर में लगा देते है


                                           RAJ MANDIR
                                    जयपुर का मशहूर सिनेमाघर 













गुरुवार, 30 मार्च 2017

फिल्म एडिटिंग के लिए कौन कौन से सॉफ्टवेर प्रयोग में लिए जाते है

फिल्म एडिटिंग के लिए कौन कौन से सॉफ्टवेर प्रयोग में लिए जाते है 
दोस्तों फिल्म इंडस्ट्री में बड़े एडिटर्स मुख्य रूप से जिन सॉफ्टवेर को प्रयोग में लेते है उनके नाम


1. Avid Media Composer
 ज्यादातर फिल्म एडिटर Avid Media Composer का प्रयोग करते है, ये सॉफ्टवेर फिल्म के लिए सबसे स्टार्ट में आया था इंडिया में, जितने भी बड़े एडिटर है उनका हाथ इस सॉफ्टवेर पर बेटा हुआ है, इसलिए इस सॉफ्टवेर को ज्यादा प्रयोग में लेते है है, इस सॉफ्टवेर में 4k फुटेज को डायरेक्ट या प्रॉक्सी फाइल बनाकर फिल्म एडिट कर  सकते हो, प्रॉक्सी फाइल इसलिए बनाते है ताकि सिस्ट्म फ़ास्ट चले.
2.  FINAL CUT PRO
फाइनल कट प्रो सॉफ्टवेर एविड के बाद आया था जो नई पीड़ी के एडिटर्स है वो ज्यादातर इस सॉफ्टवेर का प्रयोग करते है क्यों की इस सॉफ्टवेर पर उनका हाथ बेटा हुआ है, इस सॉफ्टवेर में भी 4k फाइल को Proxi File  बनाकर एडिट किया जाता है ताकि सिस्ट्म फ़ास्ट काम करे,

3. FINAL CUT PRO X
फाइनल कट प्रो एक्स , फाइनल कट प्रो का Letest Version है इसलिए कुछ एडिटर इस सॉफ्टवेर में फिल्म एडिट कर रहे है, ये सॉफ्टवेर डायरेक्ट 4k  फाइल इम्पोर्ट कर लेता है लेकिन फिर भी फाइल को प्रॉक्सी बनाकर ही फिल्म एडिट करते है ताकि सिस्ट्म स्लो न चले, इसमें timeline magnetic होती है आप जो भी क्लिप डाइमलाइन पर लाओगे वो ऑटोमेटिक क्लिप के पीछे जुड़ जाती है इसमें स्पेशल इफ़ेक्ट फाइनल कट प्रो से ज्यादा है और आसान भी, इसलिए एडिटर इस सॉफ्टवेर को ज्यादा use कर रहे है
4. Davinci Resolve
इस सॉफ्टवेर में भी आप फिल्म एडिट कर सकते हो 4k फाइल को प्रॉक्सी बनाकर और बाद में आप प्रॉक्सी फाइल को 4k फाइल से रीकनेक्ट करके आप डायरेक्ट कलर करेक्शन भी कर सकते हो
5. Adobe Premiere
इस सॉफ्टवेर में भी आप फिल्म एडिट कर सकते हो 4k फाइल को प्रॉक्सी बनाकर, ज्यादातर एडिटर इस सॉफ्टवेर को use में ले रहे है क्यों की ये थोड़ा आसान सॉफ्टवेर है बहुत पुराना सॉफ्टवेर है इसलिए कही एडिटरस को एडिट करने में आसान होता है लेकिन अभी इस सॉफ्टवेर को बहुत मजबूत बना दिया है, अब आप इसमें भी फिल्म एडिट कर सकते हो

शनिवार, 25 मार्च 2017

FILM CREW - सिनेमा कर्मचारी या सिनेमा में, परदे के पीछे काम करने वाले लोग

FILM CREW
जब हम कोई फिल्म बनाने की सोचते है, तब हमको किन किन कर्मचारियों की जरुरत पड़ती है?

Directorफिल्म में डारेक्टर की सबसे ज्यादा जिम्बेदारी होती है वो एक्टर और फिल्म के सारे कमर्चारियों से काम करवाता है फिल्म प्रोडक्शन कंपनी डायरेक्टर को नियुक्त करती है फिल्म के लिए, कंपनी को सारे जबाब डायरेक्टर को देने होते है अगर कोई फिल्म अच्छी या बेकार बनी तो, डायरेक्टर फिल्म के हर डिपार्टमेंट से काम करवाता है डायरेक्टर की इन्वोल्वमेंट स्क्रिप्ट से लेकर शूटिंग तक और जब शूटिंग हो जाये तो पोस्ट प्रोडक्शन के सारे काम करवाता है 
Second Unit Directorजब फिल्म की  शूटिंग एक दिन में दो जगह होती है तो वहां सेकंड यूनिट डायरेक्टर की जरुरत पड़ती है, डायरेक्टर का शूटिंग पर सारा कमांड होता है
Producerप्रोड्यूसर फिल्म का मालिक होता है, वो ही फिल्म के लिए पैसा खर्च करता है. प्रोडक्शन कंपनी का मालिक भी प्रोड्यूसर होता है, प्रोड्यूसर पैसा देता है - एक्टर, डायरेक्टर, कैमरामैन, और जितने भी लोग शूटिंग में काम कर रहे है, सबको प्रोड्यूसर काम का पैसा देता है क्योंकि यूनिट प्रोड्यूसर की कंपनी ने hire  किया है फिल्म के लिए, शूटिंग लोकेशन का सारा खर्च, पोस्ट प्रोडक्शन का सारा खर्च, जब फिल्म सिनेमाघर में लगती है उसका भी खर्च प्रोड्यूसर करता है, फिल्म का फायदा या नुक्सान प्रोड्यूसर का ही होता है, क्योंकि वो फिल्म बनाकर व्यापार करता है.
Execuive ProducerExecuive Producer को प्रोड्यूसर नियुक्त करता है वो फिल्म के सारे विभाग में काम कैसा चल रहा है या शूटिंग में  कही पैसा देना है तो उसका भुगतान Execuive Producer  करता है क्योंकि वो प्रोड्यूसर का आदमी होता है फिल्म की जरूरतों को पूरा करता है
Line Producerलाइन प्रोड्यूसर कंपनी में प्रोड्यूसर से फिल्म में कितना खर्च करना है, इस बात पर वो प्रोड्यूसर को सलाह देता है, कैसे डेली फिल्म पर खर्च करना है वो सब प्रोड्यूसर से बात करता है और फिल्म में डेली काम का लाइन अप भी लाइन प्रोड्यूसर करता है इसको भी प्रोड्यूसर नियुक्त करता है ताकि सारे काम की जानकारी प्रोड्यूसर को रहे लाइन प्रोड्यूसर कंपनी का कम से कम पैसा खर्च हो , प्रोड्यूसर का पैसा सही जगह खर्च हो वहां लाइन प्रोड्यूसर की ड्यूटी होती है 
Location Managerलोकेशन मैनेजर फिल्म के लिए लोकेशन देखता है और जितनी भी फिल्म के लिए लोकेशन चाहिए वो सब प्रोवाइड करवाता है

Casting Director
फिल्म के लिए जितने कलाकार की जरुरत होती है उन जरूरतों को पूरा करने में कास्टिंग डायरेक्टर मदद करता है प्रोडक्शन कंपनी की, और नए फेस  को फिल्म में लाना है तो कास्टिंग डायरेक्टर ही  कलाकार को प्रोडक्शन कंपनी में पहुचता है, जब एक्टर को नियुक्त करना होता है तब कास्टिंग डायरेक्टर बहुत सारे एक्टर पेश करता है लेकिन उनमे से कुछ ही कास्ट होते है जो फिल्म के किरदार में फिट बैठते है, और उनका काम भी सही हो तब जाके एक्टर सेलेक्ट होता है
Cameraman
कैमरामैन फिल्म को कैमरा से शूट करता जो डायरेक्टर को चाहिए, वो फिल्म की खूबसूरती को कैमरे में कैद करता है और जो भी शीन हो वो अच्छे से दिखे उसके लिए वो अपना फिल्म में योगदान देता है, कैमरामैन को भी प्रोडक्शन कंपनी नियुक्त करती है 
Camera Assistants, Film Loader, Steadycam operator, Digital Technician, Lightman, Gaffer, Grip, Key grip, Dolly Grip, sound recordist, Art Director, Set Decorator, Make-up, hair dresser, 
Costume Designer, Special Effect Artist, Action Director,  Spot Boys & Others.

Post Production
जब फिल्म की शूटिंग कम्पलीट हो जाती है तब फिल्म  का काम पोस्ट प्रोडक्शन में आता है 
पोस्ट प्रोडक्शन के एम्लॉय फिल्म के लिए
Film Editor
फिल्म के शूट को फिल्म एडिटर, एडिट करता है बहुत सारे दिन के फुटेज को एडिटर २ या ३ घण्टे में, स्टोरी के मुताबिक फिल्म को तैयार करता है
Dubbing
डबिंग स्टूडियो में रिकार्डिस्ट आर्टिस्ट को Dub करता है ताकि फिल्म में डायलॉग क्लियर सुनाई दे, शूटिंग में बहुत सारे लोग होते है इसलिए वहां ठीक ऑडियो रिकॉर्ड नहीं हो पाता इसलिए उसको स्टूडियो में Dub  करते है
Music Director
म्यूजिक डायरेक्टर फिल्म के लिए सांग तैयार करता है सांग का म्यूजिक कैसा हो, कैसी फीलिंग, फिल्म के मुताबिक आये वो उस पर काम करता है फिर सिंगर से अपने सांग को रिकॉर्ड करवाता है
Sound Foley
Foley फिल्म में जो साउंड इफ़ेक्ट होते है जिनको स्टुडिओं में लाइव रिकॉर्ड किया जाता है उसको foley  बोलते है यहाँ बड़ी बारीकी से छोटे छोटे साउंड रिकॉर्ड किये जाते है जहाँ फिल्म की जरुरत होती है जैसे- पानी में कूदना उसका साउंड इफेकट, कांच टूटना, किसी को हाथ से मारना उसका साउंड इफ़ेक्ट , ऐसे ही छोटे छोटे साउंड रिकॉर्ड किये जाते है
Background Music director
फिल्म में जो डायलॉग के पीछे म्यूजिक आता है उसको बैकग्रॉउंड म्यूजिक डायरेक्टर देता है 
Sound Mixing
यहाँ फिल्म का सारा ऑडियो आता है सांग, डायलॉग, foley और डबिंग, फिर इन सबको साउंड मिक्सिंग करने वाला फाइनल एडिट की हुई फिल्म को एक ट्रैक पर रखता है और उसके नीछे ऑडियो के सारे ट्रैक रखता है फिर उन सबको अच्छे से मिक्स किया जाता है फिल्म का फाइनल साउंड मास्टर यही से तैयार होता है
Film Lab
जब फिल्म की एडिटिंग लॉक हो जाये उसके बाद फिल्म को लैब में लाया जाता है और उसके फाइनल साउंड को भी लैब में लाया जाता है, लैब में फिल्म का कलर करेक्शन भी किया जाता है और यहाँ से फिल्म का डॉल्बी साउंड के साथ फिल्म का प्रिंट सिनेमा के लिए तैयार होता है

POORNA - UPCOMING INDIAN FILM 2017

POORNA
Released Date 31 March 2017 
Director: Rahul Bose
Music Director: Salim Merchant, Salim-Sulaiman 
Tanuj Tiku, Sulaiman Merchant
Star
Rahul bose, Aditi Inamdar, Dhritiman Chatterjee, Heeba Shah
Manoj Kumar, HarshaVardhan & Others

POSTER NAAM SHABANA

NAAM SHABANA  (2017)
Released Date 31 March 2017
Directed by Shivam Nair
Produced By Neeraj Pandey & Shital Bhatia
Music by Rochak Kohli & Meet Bros
Cinematography Sudheer Palsane
Edited by Deepak Seju & Suwrndeep Sinha
Language - Hindi

Star
Akshay Kumar, Taapsee Pannu, Manoj Pajpayee, Anupam Kher
Prithviraj Sukumarn, Danny Denzongpa, Bhaskar B V

गुरुवार, 23 मार्च 2017

सिनेमा में फिल्म एडिटिंग का महत्त्व

फिल्म एडिटिंग बहुत बड़ी भूमिका रखता है सिनेमा के लिए. अगर फिल्म की एडिटिंग न हो तो आप अच्छी फिल्म नहीं बना सकते, सिर्फ कैमरे का फुटेज ही देख सकते हो
एडिटिंग का मतलब जोड़ना, आप फिल्म में एक क्लिप को दूसरी क्लिप से जोड़ते हो उसको बोलते है एडिटिंग, जब एक फिल्म बनती है तो उसको कही दिन शूट किया जाता है, एक दिन में कम से कम २ घंटे का शूट होता है और फिल्म इंडस्ट्री में फिल्म बनाने वाले २० दिन से लेकर ५०  दिन तक का फिल्म शूट करने का प्लान बनाते है, बहुत से फिल्ममेकर १५० दिन का शूट करते है, अब आप सोचो एडिटर के पास कितने घंटे का शूटिंग आता होगा, और फिल्म बनानी है सिर्फ २ या ३ घंटे की, फिल्म एडिटिंग एक टेक्निकल पार्ट है सिनेमा के लिए, आप एक फिल्म में प्रोडक्शन लोगो,  उसके बाद स्टार्टिंग टाइटल, उसके बाद फिल्म की कहानी शुरू होती है, और बीच में ineterval भी होता है, फिर उसके बाद फिल्म का दूसरा यानि बची हुई कहानी शुरू होती है फिर जब फिल्म समाप्त होती है उसके पहले एन्ड टाइटल डाले जाते है, जिन लोगोने फिल्म में काम किया है उन सबके नाम लिखे जाते है, वो सब काम एडिटिंग में होते है  और आप जो सिनेमा में आवाज सुनते हो, उस आवाज को  साउंड स्टूडियो में पहले बनाते है जब साउंड का सारा काम हो जाता है तो एडिटिंग में उसको पिक्चर के साथ जोड़ा जाता है यानी फाइनल मास्टर एडिटर के हाथ से निकलता है
कैमरामैन की शूटिंग, साउंड स्टूडियो से सांग, डायलॉग, और बैकग्राउंड  यानि टोटल साउंड मिक्सिंग ट्रैक, सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट, सब एडिटिंग में आते है, और वही से फिल्म का फाइनल मास्टर निकलता है
एक अच्छी फिल्म बनाने में एडिटर की बहुत बड़ी भूमिका होती

STEENBACK FILM EDITING


भारत में बनने वाला पहला सिनेमा साउंड के साथ

आलमआरा 1931 में बनी हिन्दी भाषा और भारत की पहली ध्वनि (बोलती) फिल्म है।
इस फिल्म के निर्देशक अर्देशिर ईरानी थे।
ज्यादातर इस फिल्म की शूटिंग रात को होती थी क्योंकि उस समय साउंडप्रूफ स्टूडियो नहीं थे, इस फिल्म के कलाकार मास्टर विट्टल, जुबैदा और पृथ्वीराज कपूर थे।
दे दे खुदा के नाम पर,  भारत का पहला गाना बना था, जो बहुत ही प्रसिद्ध  हुआ था,  इस गीत को हारमोनियम और तबले के संगीत के साथ लाइव रिकॉर्ड किया था।
भारतीय सिनेमा में इस फिल्म ने संगीत की नींव रखी, और इस फिल्म में गीत थे, डायलॉग सुन सकते थे, जब ये फिल्म सिनेमाघर में लगी, तब भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस की सहायता लेनी पड़ी थी।
इस फिल्म की लंबाई 2 घण्टा 04 मिनिट है।
आपको इस फिल्म के बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए, तो आप आलमआरा विकिपीडिया पर देख सकते हो।


Alam Ara
first Indian sound film
Release date: 14 March 1931, Majestic Cinema in mumbai. 

भारत में बनने वाला पहला सिनेमा

भारत में बनने वाला पहला सिनेमा 

राजा हरीशचंद्र १९१३ में, भारत का पहला सिनेमा बना था
इस फिल्म को दादासाहेब फालके जी ने बनाया था  
फिल्म में ऑडियो नहीं था बिलकुल साइलेंट फिल्म थी, इस फिल्म की भाषा साइलेंट फिल्म 
Marathi intertitles थी और इस फिल्म को बनाने में उस समय २०००० रुपए खर्च हुए थे, फिल्म का टाइम सिर्फ ४० मिनिट था, इस फिल्म के कलाकार दत्तात्रय दामोदर दाबके थे जो राजा हरीशचंद्र बने थे, इनकी पत्नी का किरदार अन्ना सालुंके जी ने किया था, इस फिल्म के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर दादासाहेब फालके थे
Raja Harishchandra
 first Indian feature film
 The film premiered on 21 April 1913 at the Olympia Theatre, Grant Road, Bombey (mumbai )

मंगलवार, 21 मार्च 2017

सोमवार, 20 मार्च 2017

Phillaur: The film is scheduled for release on March 24, 2017.

Editor Ajay Parashar - Commercial Showreel


Editor Ajay Parashar - Fashion Showreel


Editor Ajay Parashar - Celebrity Nights Showreel


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